Monday, February 2, 2009

लढ चल तू अभी हारा नहीं


तेरे लिए भी सूरज उगे
तेरे लिए भी चंदा खिले
तेरे लिए भी हवा चले
तेरे लिए भी बरखा गिरे

ना अधिक ना ही औरों से कम
अधिकार तेरा है विश्व पर
यूँ ही नहीं होगा वह प्राप्त
हो तत्पर तू संघर्ष तो कर

तब तक तेरा यह युद्ध चला
जब तक तू जग छोड़ा नहीं
निर्णय अभी भी है बाकी

लढ चल तू अभी हारा नहीं !!

अपना अनुभव ज़रूर बतायें

No comments:

Post a Comment

किसे सुनाऊं हाल दिल का

किसे सुनाऊं हाल दिल का, सब के हैं ग़म अपने अपने अपनी तरह से सभी यहाँ झेले सितम अपने अपने माने सभी खुद ही के दर्द को प्यारा दुनिया मे पाले है...