Wednesday, October 24, 2012

समय रहते जागृत कर लो अपने ह्रदय के राम को

जब कभी तुम्हारी ज़मीर पर लोभ हावी हो जाये; 

    जब कभी तुम्हारे व्यवहार पर क्रोध हावी हो जाये; 

समय रहते जागृत कर लो अपने ह्रदय के राम को, 

    इससे पहले के कोई रावन तुम पर भारी हो जाये! 


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किसे सुनाऊं हाल दिल का

किसे सुनाऊं हाल दिल का, सब के हैं ग़म अपने अपने अपनी तरह से सभी यहाँ झेले सितम अपने अपने माने सभी खुद ही के दर्द को प्यारा दुनिया मे पाले है...