Monday, January 31, 2011

क्यूँ होना मायूस उस ज़िन्दगी से

क्यूँ होना मायूस उस ज़िन्दगी से;
जो खुद मायूस रहना चाहती है;
तुम ज़िन्दगी के सहारे जीना चाहते हो?
ज़िन्दगी तुम्हारे सहारे जीना चाहती है!

अपना अनुभव ज़रूर बतायें

Saturday, January 15, 2011

बेशक याद है

देखा है कई बार सूरज को पीला पड़ते हुए,
देखा भी है तेरे चेहरे को गुलाबी रंग ओढ़ते हुए,
यह आलम है अब के याद नहीं श्याम होती की नहीं,
पर बेशक याद है कैसे तू रो पड़ती थी हसते हुए!

किसे सुनाऊं हाल दिल का

किसे सुनाऊं हाल दिल का, सब के हैं ग़म अपने अपने अपनी तरह से सभी यहाँ झेले सितम अपने अपने माने सभी खुद ही के दर्द को प्यारा दुनिया मे पाले है...