भावनाएँ
Friday, June 30, 2017
बात का बतंगड़ बन सकता है
चुप रह, खामोश रह कि एक झोंका भी बवंडर बन सकता है
सोच समझ कर बात कर, 'गणेश', कि बात का बतंगड़ बन सकता है
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