Sunday, January 11, 2015
Tuesday, January 6, 2015
स्पर्श
उछाले जब तू कदमों को हर्ष मे
अनुभव करूँ तेरा अनुपम स्पर्श मैं
हालांकि तू है उस पार मैं इस पक्ष मे
अनुभव करूँ तेरा अनुपम स्पर्श मैं
तेरा हर स्पर्श मुझ मे एक मोती को जनम देता है
तेरे होने का आभास मुझ मे खुदा का भरम देता है
वह एक क्षण मैं इस दुनिया का नहीं रह जाता
तेरी माँ का चेहरा भी बिजली सा चमक देता है
शांति मिले मन को संघर्ष मे
अनुभव करूँ तेरा अनुपम स्पर्श मैं
उछाले जब तू कदमों को हर्ष मे
अनुभव करूँ तेरा अनुपम स्पर्श मैं
क्या मैं कहूँ कि मैं खुद को भूल जाता हूँ
या फिर यह कि मैं होके भी नहीं होता हूँ
शब्द भावनाओं का प्रतिबिंब बने तो कहूँ
मैं मुझमे भी होता हूँ तुझमे भी होता हूँ
चोट ज्यूँ सहारा खोजे बर्फ मे
अनुभव करूँ तेरा अनुपम स्पर्श मैं
उछाले जब तू कदमों को हर्ष मे
Saturday, January 3, 2015
मलाल रह जाएगा अगर
थाम के उंगली मेरी तू चला है
मेरे कंधो की सवारी भी तुझे मिली है
जब जब गिरा तू उठाया है मैंने
भटका तू जब राह दिखाया है मैंने
है खुशी यह मुझको कि मैं तेरे सफ़र मे काम आया
मलाल रह जाएगा अगर तू मेरी उंगली ना छोड़ पाया
मैं अब हूँ पर मैं रहूँगा कब तक?
तेरे सवालों को हल मैं करूँगा कब तक?
मेरे बारे मे तेरा नज़रिया बदलेगा कब?
तेरी ज़िंदगी मे मेरा दखल रुकेगा कब?
मैं साथ हूँ पर अगर तू मेरा बन के रहा साया
मलाल रह जाएगा अगर तू मेरी उंगली ना छोड़ पाया
पल पल तू देखे क्यूँ मेरी ही ओर?
चलेगा कब तुझ पे खुद का ही ज़ोर?
यह सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा?
मेरे पास आके तू यूँ ही रोता रोहेगा?
मेरी सोहबत मे लग रहा तू खुद को ना खोज पाया
Subscribe to:
Posts (Atom)
किसे सुनाऊं हाल दिल का
किसे सुनाऊं हाल दिल का, सब के हैं ग़म अपने अपने अपनी तरह से सभी यहाँ झेले सितम अपने अपने माने सभी खुद ही के दर्द को प्यारा दुनिया मे पाले है...
-
मैं सोचता हूँ बिलकुल आप की तरह, मैं बोलता हूँ बिलकुल आप की तरह, मेरे सोच में आप ही की झांकी है, पापा मैं दिखता हूँ बिलकुल आप की तरह!...
-
तुझ से कोई शिकवा नहीं जुदा हूँ पर मैं खफा नहीं दो दिल जो भीगे थे कभी फुहारों का कसूर था बेसब्र हालातों में जब बे -आबर...
-
तुमसे इश्क़ हो गया है होता भी क्यूँ ना? घंटो तुम्हारे पास ही जो बैठा रहता हूँ कभी कुछ सोच कर मुस्कुराता हूँ कभी मायूस हो जाता हूँ मुझे पता ह...