यह कौन मरा यह कौन मारा, यह कौन जीता यह कौन हारा
इंसानियत यूँ दफ़न हो गयी कि तुम भी मरे मैं भी मरा
इंसानियत यूँ दफ़न हो गयी कि तुम भी मरे मैं भी मरा
आग लगी थी, चारों और धुआँ धुआँ था कहाँ जाता, इधर खाई तो उधर कुआँ था लूटाके सब हसा मैं बैठ अंगारों पर राख पर बैठ पड़ोसी जो रो रहा था
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