Tuesday, February 11, 2020

पड़ोसी

आग लगी थी, चारों और धुआँ धुआँ था
कहाँ जाता, इधर खाई तो उधर कुआँ था
लूटाके सब हसा मैं बैठ अंगारों पर
राख पर बैठ पड़ोसी जो रो रहा था

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