कच्चा मास भी खाने से रोका,
जानवरों को पास आने से रोका,
जंगल जला कर जिसने ज्ञान जगाया है,
हाँ, वह भी एक दिया है!
आने से पहले जिसको दर्द दिया,
आते समय जिसको दर्द दिया,
आने के बाद जिसको दर्द दिया,
दर्द के बदले जिसने ममता बरसाया है,
हाँ, वह भी एक दिया है!
बरामदे में जाने कबसे वह खड़ा है,
तूफान मे भी वह नहीं गिरा है,
जर्जर अवस्था है, जीवन थोड़ा है,
पर बरसों से जो उसने सेवा किया है,
हाँ, वह भी एक दिया है!
प्यासे को जिसने पानी पिलाया,
अज्ञान का अंधकार मिटाया,
उजाले की और का रास्ता दिखाया,
ज्ञान के बदले वह कुछ ना लिया है,
हाँ, वह भी एक दिया है!
आने से जिसको मिलता भत्सना,
हुआ स्वागत तो उसका कभी ना,
औरों के त्रुटि से है जो बना,
सफलता के पहले का जो आसन लिया है,
हाँ, वह भी एक दिया है!
No comments:
Post a Comment