Wednesday, April 17, 2013

जो मेरे सामने तू आती है

हर बात मेरे लबों पे रुक जाती है
जो मेरे सामने तू आती है

तू पलकें उठाके मुझे देखा न कर
मेरी नज़रें तेरी आँखों में थम जाती है

उन थरकती होठों को कुछ कहने न दे
बेवाक मेरी जुबां लडखडा जाती है

वह लट को अपने रुखसार पे ठहरने न दे
मेरी ज़हन में वही तस्वीर छप जाती है

पर यह सुनके तू मुझसे दूर न जाया कर
फिर मेरी  निगाहें तुझे ही बुलाती  हैं

धडकनों की रफ़्तार बढ़ जाती है
जो मेरे सामने तू आती है

हर बात मेरे लबों पे रुक जाती है
जो मेरे सामने तू आती है

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Har baat mere labon pe ruk jati hai
Jo mere saamne tu aati hai

Tu palken uthake mujhe dekha na kar
Meri nazren teri aankhon mein tham jati hai

Un tharakti hothon ko kuch kahne na de
Bewak meri zuban ladkhada jati hai

Woh lat ko apne rukhsaar pe thaharne na de
Meri zahan mein woh tasveer chhap jati hai

Par yeh sunke tu mujhse door na jaya kar
Meri nigahen phir tujhe hi bulati hai

Dhadkanon ki raftaar badh jati hai
Jo mere saamne tu aati hai

Har baat mere labon pe ruk jati hai
Jo mere saamne tu aati hai


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किसे सुनाऊं हाल दिल का, सब के हैं ग़म अपने अपने अपनी तरह से सभी यहाँ झेले सितम अपने अपने माने सभी खुद ही के दर्द को प्यारा दुनिया मे पाले है...