Subscribe to:
Post Comments (Atom)
पड़ोसी
आग लगी थी, चारों और धुआँ धुआँ था कहाँ जाता, इधर खाई तो उधर कुआँ था लूटाके सब हसा मैं बैठ अंगारों पर राख पर बैठ पड़ोसी जो रो रहा था
-
आग लगी थी, चारों और धुआँ धुआँ था कहाँ जाता, इधर खाई तो उधर कुआँ था लूटाके सब हसा मैं बैठ अंगारों पर राख पर बैठ पड़ोसी जो रो रहा था
-
मैं सोचता हूँ बिलकुल आप की तरह, मैं बोलता हूँ बिलकुल आप की तरह, मेरे सोच में आप ही की झांकी है, पापा मैं दिखता हूँ बिलकुल आप की तरह!...
-
देखा है कई बार सूरज को पीला पड़ते हुए, देखा भी है तेरे चेहरे को गुलाबी रंग ओढ़ते हुए, यह आलम है अब के याद नहीं श्याम होती की नहीं, प...
wah wah wah!!
ReplyDelete