एक बीज बोया थाखाद पानी मुहया थाकुछ कमी पर रह गयीबीज वृक्ष नहीं बन पाया थापुरानी भूल सुधारते हैंनया एक पौधा उगाते है चलो, देश नये से बनाते हैंईंट से ईंट जोड़ा थाजर्जर
दीवार तोड़ा थाबुनियाद कमज़ोर रह गयीमकान अधूरा पड़ा थाकुछ गज ज़मीन और खोदते हैंबुनियाद पक्की बनाते हैं चलो, देश नये से बनाते हैंलफ्ज़ से लफ्ज़ जोड़ा थापर शेर अधूरा पड़ा थाकाफिया मिलने की देरी थीअधूरी वह शायरी थीचंद
लफ्ज़ और जोड़ते हैंयह नज़्म गुनगुनाते है चलो, देश नये से बनाते हैंयह देश अभी तो युवा हैआगे बढ़ने की क्षुधा हैकुछ करने की जो ठानेंगेपूरा कर के ही मानेंगेबढ़ना आगे, नहीं रुकना हैछोटा
ना कोई भी सपना हैहर सपने को सजाते हैं चलो, देश नये से बनाते हैंनया एक पौधा उगते हैंबुनियाद पक्की बनाते हैंयह नज़्म गुनगुनाते हैंहर सपने को सजाते हैं चलो, देश नये से बनाते हैं
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किसे सुनाऊं हाल दिल का
किसे सुनाऊं हाल दिल का, सब के हैं ग़म अपने अपने अपनी तरह से सभी यहाँ झेले सितम अपने अपने माने सभी खुद ही के दर्द को प्यारा दुनिया मे पाले है...
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तुमसे इश्क़ हो गया है होता भी क्यूँ ना? घंटो तुम्हारे पास ही जो बैठा रहता हूँ कभी कुछ सोच कर मुस्कुराता हूँ कभी मायूस हो जाता हूँ मुझे पता ह...
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मैं सोचता हूँ बिलकुल आप की तरह, मैं बोलता हूँ बिलकुल आप की तरह, मेरे सोच में आप ही की झांकी है, पापा मैं दिखता हूँ बिलकुल आप की तरह!...
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तुझ से कोई शिकवा नहीं जुदा हूँ पर मैं खफा नहीं दो दिल जो भीगे थे कभी फुहारों का कसूर था बेसब्र हालातों में जब बे -आबर...
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