आंधी होती ही
है
उड़ाने
के
लिएबिजली होती
ही
है
चेताने
के
लिएअँधेरा होता
ही
है
डराने
के
लिएधूप होती ही
है
जलाने
के
लिए कदम रुक
जाये
चलते
चलते
अगरक्या होगा
आगे
यह
सोच
करभूल न
जाना
कभी
राह
मेंमगरूर मंजिल
नहीं
मिलती
डरपोकों
से काँटे हो तो चुभेगा हीचोट हो तो दुखेगा हीकोहरा हो तो छाएगा हीबादल तो बरसेगा ही थक जाओ
अगर
मुश्किलों
से
लढते
लढतेरुक जाओ
अगर
कहीं
आगे
बढ़ते
बढ़तेभूल न
जाना
कभी
राह
मेंमगरूर मंजिल
नहीं
मिलती
डरपोकों
से
लेखक: महाराणा गणेश
अपना अनुभव ज़रूर बतायें
Hey I wanted more of this rhyme. Well m going 2 deliver dis song wen asked 2 sing in any farewell only if u permit. Jokes apart, thanks a ton 4 gearing up d relaxed nerves.
ReplyDeletePermission granted.. Anything for my love. :)
ReplyDeleteLove....... Hmmmmmmmmmmmmmmmm
ReplyDelete