Friday, May 19, 2017

वह याद किए तो क्या

बात कुछ हो ना पाई मुलाक़ात किए तो क्या
मुझको बस हिचकी सी आई वह याद किए तो क्या

Thursday, May 4, 2017

उन्हे याद होगा

यूँ ना मचल, ए दिल, के उन्हे याद होगा
रह तू संभल के, दिल, के उन्हे याद होगा
सब का होता है तो तेरी भी दुआ का
होगा कुछ असर, ए दिल, के उन्हे याद होगा

Thursday, April 20, 2017

मुझसे मुखातिब होना

बातों में अदब ज़रा सी आ जाए तो

                                         मुझसे मुखातिब होना

“ना” बर्दाश्त करने की हिम्मत आ जाए तो

                                        मुझसे मुखातिब होना

हम जब मिले तो सिर्फ़ तुम ही 

                                        नहीं रह जाओगे

“हम” में मुझे भी शामिल कर पाए तो

                                        मुझसे मुखातिब होना




Tuesday, April 18, 2017

जवाब क्यूँ देते नही बनता?

जलजले को आफताब क्यूँ देते नहीं बनता?

लुटेरों को हिसाब क्यूँ देते नहीं बनता?

मेरे ईमान पर कई सवाल उठाने वाले

अब तुझ से एक जवाब क्यूँ देते नही बनता?


Friday, March 31, 2017

गम, तू मेरा हमदम

गम, तू मेरा हमदम

तू मुझे और सख़्त कर जा

मन के हर कण में

दर्द ही दर्द भर जा


आँसू आँखों में जो हो

छोड़ने को राज़ी ना पलके

जुदा ना हो तू दिलबर

दिल को यूँ हलका करके


तेरे साथ उठे जाम,

तेरे साथ ढले शाम

घाव जो बड़ा हो कोई,

तुझसे ही तो बने काम


गम, तू मेरा हमदम


Monday, August 8, 2016

महिला

है तुमसे हर घर सुंदर          

हर देश, हर जगह भी सुंदर

तुम हो जहाँ वह मंज़र

वह पल, वह हवा भी सुंदर


अंधेरों में तुम हो दिया जैसी

हताशा में तुम आशा जैसी

हो मन तुम्हारा भले कोमल

संकट में अटल शिला जैसी


है तुमसे हर बात सुंदर

ज़हन सुंदर जहाँ भी सुंदर

हाल और हालात कैसी भी हो

तुम यहाँ सुंदर वहाँ भी सुंदर


बहुमुखी प्रतिभा तुम्हारी

असीम तुम्हारी क्षमता

श्रम तुम्हारी योग्यता

धरम तुम्हारी दृढ़ता


है तुमसे हर शब्द सुंदर

शेर सुंदर नज़्म भी सुंदर

महाराणा की तुच्छ कविता तो सुंदर

ग़ालिब की हसीन ग़ज़ल भी सुंदर


पड़ोसी

आग लगी थी, चारों और धुआँ धुआँ था कहाँ जाता, इधर खाई तो उधर कुआँ था लूटाके सब हसा मैं बैठ अंगारों पर राख पर बैठ पड़ोसी जो रो रहा था