Friday, April 26, 2019

संगीन समय चुनाव का

संगीन समय चुनाव का 
आप मनाओ खैर 
नहीं किसी से दोस्ती 
नहीं किसी से बैर 

कर लिए होते

पिटारा वादों का खोलने से पहले 
काम कुछ चंद तो कर लिए होते 
नया अकाउंट खोलना चाहते हो 
पुराने को बंद तो कर लिए होते 

क्या कहोगे जनता से जब जाओगे? 
बहानों का प्रबंध तो कर लिए होते 

पड़ोसी

आग लगी थी, चारों और धुआँ धुआँ था कहाँ जाता, इधर खाई तो उधर कुआँ था लूटाके सब हसा मैं बैठ अंगारों पर राख पर बैठ पड़ोसी जो रो रहा था