Tuesday, December 8, 2015

यह वह मोड़ है

यह वह मोड़ है जहाँ सब कुछ धुँधला धुँधला सा है

या तो आँखें नम हैं या ज़िंदगी उजड़ा उजड़ा सा है


किसे सुनाऊं हाल दिल का

किसे सुनाऊं हाल दिल का, सब के हैं ग़म अपने अपने अपनी तरह से सभी यहाँ झेले सितम अपने अपने माने सभी खुद ही के दर्द को प्यारा दुनिया मे पाले है...